Never quite

कभिभी हार मत माने

एक सत्य धटना।

                    पाच-छे महीने पुरानी बात है,की एक लड़का जिसने अपनी ग्रेजुएशन ख़तम कराली थी वो अपने लिए नौकरी धुंदंडने का शोचता है।वह बहुत ही उत्साहित है की उसे बड़ीवाली नोकरी मिलेगी ओर नोकरी मिलतेही लाइफ सेट होजाएगी।वो शोचताहे की नोकरी के पेसेसे वो अपने मामी पापा को नए कपड़े खरीदकर देगा,उन्हें धूमाएगा मतलब ऐसे ढेर सारे सपने सजाता है।
                           कुछ समय जाता है वह गवर्मेंट एक्जाम देताहै।उसमे वो फेल होजतहे,फीर्भी वह हिम्मत नहीं हारता अपनी कोसिस जारी रखता है।
थोड़ा समय जतहे वो प्राइवेट जॉब के लिए कई जगह अप्लाई करता है। उसमेसे २ जगह उसे इंटरव्यू के लिए बुलाते है जहा वो पूरी तैयारी के साथ जताहे।अपना बेस्ट देताहे लेकिन रिजल्ट उससे उलटा आतहे,वो एक भी जगह में सिलेक्ट नहीं होता।बदामे   वो कई आेर जगह पे ट्राय काराता है लेकिन इंतरवइंट में सिलेक्ट नहाने के डरसे इंटरव्यू में ठीक तरहसे प्रफॉम नहीं कराताक आेर रिजेक्ट हो जाता है।
        ईसतरहसे वो  अब विश्वास खोदेता है।आेर सरुआत में बड़ी नोकरी का सोचा था वो उसे नामुमकिन लगता है । बस किसितरहसे चोटी मोटी नोकरी लगजए एशी आशा रखने लगा।

           जहा जाता वहा सब उन्हें कोसते थे के तू क्या करेगा।एसब देख देख कर वो परेशान हो जाता है और आखिर में आत्म हत्या करानेका संकल्प करता है।(जब लोगोंको कोई आशनाही रहती, अपने आपसे विश्वास उठाजाता है तो वो आत्महत्या करणेका शोचते है।)आेर वो नादिमे आत्महत्या करानेकेलिए जाता है। वो नदिके अन्दर जाताहे की एक भला इंसान उसे देखकर उसे बचाने जातहे,उसे निकलताहै आेर उससे पूछता है कि तुम एसा क्यू करारहे हो।तब वो अपनी सारी कहानी भले इंसान को सुनताहे।वो भला इंसान हसपड़ता है,उसे हसतादेक उस लड़केको आचार्य होता है ओर पूछता हे की आप क्यों हसरहे हो तब वो बताताहे की तुंभी कितने नासमझ हो की नोकरी ना मिलानेकी वजसे ए कदम उठाते हो।
           वो भला आदमी उसे कहता है ए ऊपरवाला कभी किसीको भूखा सुलाता नहीं तुम अपने पर भरोसा रखो ओर ए कहर  निकाल जाता है।
          बदामे वो लड़का सोचता हे ऊपरवाला आपने साथ हे में जितनी मेहनत करनी पड़ेंगी में करूंगा लेकिन कभी खुदको कोसुंगा नहीं।फिर वो एक जॉब के लिए अप्लाई करता हे।फिर इंटरव्यू देने जाता है इस बार उसे कोई डर नहीं के नोकरी नहिमिली तो क्या होगा,में कुछ ना कुचकराही लूंगा  सोचकर जा ता हे,इंटरव्यू में वो पास होता है,अच्छी सैलरी मिलतिहे।
                  फिर वो जॉब छोड़कर खुदका चोटा  बिजनेस सरुकराता है।जो धीरे धीरे बढते हुए बड़ी कंपनीन खड़ी करादेता है।
          वो लड़का  जिसका नाम राजेन्द्र त्रिपाठी है वो आज u.s.a में महीनेका 150 करोड़ कमारहाहे।
            अगर उस भले इंसान ने उसे बचाकर हिम्मत नहीं दी होती  आेर लड़काल खुदपर भरोसा नहीं करता तो ए लडका आज यहापे नहीं होता।

इ त ना ब ड़ा आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद, पसंद आए तो सेर करे।जय हिन्द।
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